इश्क –ए –हकीकी
की और क्या मिसाल दूँ ,
मैंने अपनी रूह में एक गाँव बसा रखा है |
पी लेते हैं ज़रा ज़रा सा एक दूसरे को हम ,
जी लेते हैं यूँ ही कभी एक दूसरे में हम |
अजब इस दुनिया की हकीकत है दोस्तो
यहां हर चेहरे में रहते कई चेहरे हैं दोस्तों
हम इस दुनिया को रूहानी बातें सिखाते रहे ,
और दुनिया हमारे रूह को बेचकर हंसती रही |
अजब बेवकूफ निकले तुम भी हम भी दोस्त ,
मुर्दों के शहर में जिंदगी की बात करते रहे |
गम- ए –दौर सिखा गया हमेे जिंदगी के मायने
मैंने अपनी रूह में एक गाँव बसा रखा है |
पी लेते हैं ज़रा ज़रा सा एक दूसरे को हम ,
जी लेते हैं यूँ ही कभी एक दूसरे में हम |
अजब इस दुनिया की हकीकत है दोस्तो
यहां हर चेहरे में रहते कई चेहरे हैं दोस्तों
हम इस दुनिया को रूहानी बातें सिखाते रहे ,
और दुनिया हमारे रूह को बेचकर हंसती रही |
अजब बेवकूफ निकले तुम भी हम भी दोस्त ,
मुर्दों के शहर में जिंदगी की बात करते रहे |
गम- ए –दौर सिखा गया हमेे जिंदगी के मायने
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